Mazya Kavita (मी माझ्या कवितेतून)
घरापासून दूर राहून येणार्या आठवणिना समर्पित
Sunday, 4 November 2012
कुछ तोह असर है तेरे प्यार मे
कुछ तोह असर है तेरे प्यार मे
जो आज भी हम आबाद है,
वरना हमारी तकदीर इतनी बेअसर थी
के कबके बरबाद थे....................संदेश प्रताप
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment