Mazya Kavita (मी माझ्या कवितेतून)
घरापासून दूर राहून येणार्या आठवणिना समर्पित
Thursday, 10 May 2012
शायरी
बेसुरासा हुआ है दिल
तू जाने के बाद,
ढलते दिन को देखता हू
तो बस आती है तेरी याद.........संदेश प्रताप
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