Mazya Kavita (मी माझ्या कवितेतून)
घरापासून दूर राहून येणार्या आठवणिना समर्पित
Tuesday, 19 June 2012
झिला अवन्दाचो मिरग
झिला अवन्दाचो मिरग
बरो हा सो दिसताहा,
जा जा पेरलव
ता येवस्थित रुजाताहा..........संदेश प्रताप
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